ओपन बुक एग्जाम: फायदे और नुकसान

ओपन बुक एग्जाम एक ऐसा एग्जाम है जिसमें छात्रों को परीक्षा के दौरान किताबें, नोट्स और अन्य अध्ययन सामग्री का उपयोग करने की अनुमति दी जाती है। यह एक नया कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन भारत में इसे हाल ही में CBSE द्वारा 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए पायलट प्रोग्राम के रूप में पेश किया गया है।

जरा सोचिए, एक ऐसा एग्जाम जहां किताबें खोलकर लिखने की अनुमति मिल जाए! असंभव लगता है न? लेकिन यह सच है. तो चलियें समझते है इस नए कॉन्सेप्ट से बच्चों का क्या फायदा और क्या नुकसान हो सकता है. भारत के एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. इस बदलाव का एक हिस्सा है ‘ओपन बुक एग्जाम’ का कॉन्सेप्ट. हाल ही में (CBSE) ने 9वीं से 12वीं क्लास के लिए ओपन बुक एग्जाम का एक पायलट प्रोग्राम शुरू करने का ऐलान किया है. ओपन बुक एग्जाम के तहत छात्र परीक्षा के दौरान अपनी किताबें, नोट्स या अन्यऔ किसी स्टोडी मटेरियल का इस्तेमाल कर सकेंगे. यानी, छात्र एग्जाम में पूछे गए सवालों के जवाब किताब और नोट्स से ढूंढकर लिख सकते हैं.

ओपन बुक एग्जाम (OBE) जितना आसान लगता है उतना होता नहीं है. ये एग्जााम अक्सर काफी ठफ होते हैं. यह रटने वाला एग्जाम नहीं है, बल्कि स्टूडेंट की सब्जेक्ट या टॉपिक पर समझ और उसकी प्रैक्टिकल नॉलेज को परखने के लिए कराया जाता है. ओपन-बुक एग्जाम में छात्रों को टॉपिक रटकर जाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि उसे समझकर, अनालिसिस करने और उसे अलग-अलग तरीकों से सोचना आना चाहिए. छात्र किताबों से आंसर कॉपी नहीं कर सकते. क्योंकि एग्जामिनर किताबों से कॉपी किए गए आंसर पर मार्क्स नहीं देते हैं. नंबर तब मिलते हैं जब स्टूडेंट्स ने किताब से आइडिया लेकर आंसर को अपनी भाषा में अच्छे से लिखा होता है. उदाहरण के लिए समझिए- मान लीजिए कि एक छात्र कॉपी से टीचर के लिखाए गए पैराग्राफ को ज्यों का त्यों कॉपी कर देता है तो उसे कोई नंबर नहीं मिलेगा. लेकिन, अगर वह उस पैराग्राफ को समझकर अपनी भाषा में नए तरीके से लिखता है तो उसे पूरे मार्क्स मिलेंगे.

कितना पुराना है ओपन बुक एग्जाम का कॉन्सेप्ट

ओपन बुक एग्जाम का कॉन्सेप्ट भारत के लिए नया है, लेकिन दुनिया के लिए पुराना है. सबसे पहले 1800 के दशक में यूरोप के लॉ कॉलेज में ये कॉन्सेप्ट शुरू

ओपन बुक एग्जाम के फायदे:

  • रटने पर कम ध्यान: यह परीक्षा छात्रों को रटने के बजाय विषय की समझ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • समझ और विश्लेषण पर ज़ोर: छात्रों को जानकारी का विश्लेषण करने और उसे अपने शब्दों में व्यक्त करने की आवश्यकता होती है।
  • समस्या समाधान कौशल: छात्रों को विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करने और उसे समस्याओं को हल करने के लिए उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: छात्रों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है क्योंकि उनके पास आवश्यक जानकारी तक पहुंच होती है।

ओपन बुक एग्जाम के नुकसान:

  • धोखाधड़ी का खतरा: छात्रों के लिए किताबों से सीधे कॉपी करना आसान हो सकता है।
  • समय प्रबंधन: छात्रों को परीक्षा के दौरान समय का प्रबंधन करना और सभी स्रोतों का उपयोग करना सीखना होगा।
  • असमानता: सभी छात्रों के पास समान अध्ययन सामग्री तक पहुंच नहीं हो सकती है।
  • मूल्यांकन में कठिनाई: शिक्षकों के लिए यह मुश्किल हो सकता है कि वे छात्रों के उत्तरों का मूल्यांकन करें और यह सुनिश्चित करें कि वे केवल रटने पर आधारित नहीं हैं।

ओपन बुक एग्जाम भारत में सफल होगा या नहीं, यह समय ही बताएगा।

कुछ अतिरिक्त विचार :

  • शिक्षकों को छात्रों को ओपन बुक परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी।
  • छात्रों को परीक्षा में सफल होने के लिए समय प्रबंधन और स्रोत सामग्री का उपयोग करने के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।
  • परीक्षा प्रणाली में धोखाधड़ी को रोकने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।

यह महत्वपूर्ण है कि सभी हितधारक इस नई परीक्षा प्रणाली के बारे में खुले विचारों वाले हों और इसे सफल बनाने के लिए मिलकर काम करें।

 

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