वॉयस मीडिया: कल, आज और कल

वॉयस मीडिया एक ऐसा माध्यम है जो सदियों से लोगों का मनोरंजन और सूचना का स्रोत रहा है। रेडियो और पॉडकास्ट, वॉयस मीडिया के दो मुख्य रूप हैं, जो लोगों को विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रदान करते हैं।

आपने बचपन में या आज भी अपने परिवार के सदस्यों को Radio पर न्यूज़ या गाने सुनते तो देखा ही होगा। आज भी लोग नए एप्प द्वारा Radio जरूर सुनते हैं। शुरू से ही लोगों ने Radio को अपने दोस्त का दर्जा दे दिया है। लोग Radio में बोलने वाले RJ यानि की Radio Jockeys को तो नहीं पहचानते पर उसकी आवाज से भली भांति अवगत होते है। सदा से Radio लोगों का अनदेखा प्यार रहा है। हम बात करते हैं भारत में Voice Media  की शुरुआत की। Voice Media  मतलब Radio जो Voice Media  का पारम्परिक स्वरूप रहा है। Radio की शुरुआत साल 1906 में Reginald Fessenden के द्वारा परिचय प्राप्त किया । भारत में Radio की शुरुआत 1924 में मद्रास प्रेसिडेंसी क्लब के द्वारा किया गया था, 1927 में Radio पर ब्रॉडकास्ट प्रसारण शुरू किया गया पर आर्थिक कारणों से इसे बंद कर दिया गया। साल 1927 में ही मुंबई के एक बड़े बिज़नेस मेन के द्वारा पुनः Radio को मुंबई और कोलकाता से शुरू किया गया जिसका नाम “भारतीय प्रसारण कंपनी” रखा । सन 1932 में भारत सरकार ने Radio की जिम्मेदारी ली और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग विभाग की शुरुआत की। साल 1936 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग का नाम “आल इंडिया Radio” रख दिया गया जिसे बाद में सुमित्रानंदन पंत जी के आग्रह पर आकाशवाणी नाम दे दिया गया। Radio ने भारत की आजादी में सबसे बडा योगदान दिया जिसके द्वारा कई नेताओं ने अपने नारे Radio पे प्रसारित किये और जनता के मन में आजादी की इच्छा जागृत की। भारत में Radio एक राष्ट्रीय सेवा के रूप में लाया गया और Radio को भारत के सभी गांव और शहरों तक पहुंचाया गया। आज Radio ने FM का रूप ले लिया है जिसे लोग एप्प द्वारा भी इंटरनेट की सहायता से सुनते है जिस कारण Radio आज भी Radio लोगों के बीच जीवित है। अब हम बात करते हैं Voice Media में पॉडकास्ट की शुरुआत की।  पॉडकास्ट एक तरह का ब्लागिंग है जिसमें किसी भी आर्टिकल को ऑडिओ के रूप में सुना जाता है। जिसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुआ था ब्रॉडबैंड इंटरनेट एक्सेस और iPod जैसे पोर्टेबल डिजिटल ऑडियो प्लेबैक Devices के आने से पॉडकास्ट ने 2004 में अपनी एक अलग पहचान बनाई । आज लगभग लाखों की संख्या में अंग्रेजी भाषा के पॉडकास्ट उपलब्ध है। यही नहीं 2020 में कोरोना के आने से पॉडकास्ट ने अपना विस्तार किया जिस कारण ऑनलाइन पॉडकास्ट बहुत प्रचलित हुआ इसने यूट्यूब पर भी अपनी जगह बना ली और आज के समय में ऑनलाइन पॉडकास्ट बहुत ही प्रचलित माध्यम बन चुका है। जिसके द्वारा न्यूज़, स्टोरी,गाने आदि उपलब्ध कराये जाते हैं।

रेडियो:

  • भारत में रेडियो की शुरुआत 1924 में हुई थी।
  • 1932 में, भारत सरकार ने रेडियो की जिम्मेदारी ली और “इंडियन ब्रॉडकास्टिंग विभाग” की स्थापना की।
  • 1936 में, इसका नाम बदलकर “आकाशवाणी” कर दिया गया।
  • आज, रेडियो FM का रूप ले चुका है और लोग इसे इंटरनेट के माध्यम से भी सुन सकते हैं।

पॉडकास्ट:

  • पॉडकास्ट एक तरह का ऑडियो ब्लॉग है।
  • इसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी, लेकिन 2004 में इसे लोकप्रियता मिली।
  • आज, लाखों अंग्रेजी भाषा के पॉडकास्ट उपलब्ध हैं।
  • 2020 में कोरोना महामारी के दौरान, ऑनलाइन पॉडकास्ट बहुत लोकप्रिय हुए।
  • पॉडकास्ट विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रदान करते हैं, जैसे समाचार, कहानियां, गाने आदि।

वॉयस मीडिया के फायदे:

  • यह लोगों को विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रदान करता है।
  • यह लोगों को सूचना और मनोरंजन का स्रोत प्रदान करता है।
  • यह लोगों को शिक्षित करने का एक प्रभावी माध्यम है।
  • यह लोगों को विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से परिचित कराता है।

वॉयस मीडिया का भविष्य:

  • वॉयस मीडिया का भविष्य उज्ज्वल है।
  • यह लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
  • यह लोगों को सूचना और मनोरंजन का एक बेहतर स्रोत प्रदान करेगा।

यह जानकारी उन लोगों के लिए उपयोगी है जो वॉयस मीडिया के बारे में जानना चाहते हैं।

अधिक जानकारी के लिए:

  • आकाशवाणी की वेबसाइट: https://prasarbharati.gov.in/homepage-air/

शुभकामनाएं!

 

 

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