UPSC की परीक्षा में MOST Repeated QUESTION

यह सच है कि UPSC परीक्षा में कुछ प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि UPSC परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं और उनका उत्तर कैसे दिया जाए। आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, अंतःप्रेरणा, रणनीति, प्रासंगिक जानकारी, ताकत और कमजोरी का ज्ञान और सुधार आपको सिविल सेवा परीक्षा में सफलता दिलवाता है।

पढ़ने की आदत डालना- इंटरनेट का सही इस्तेमाल- प्रॉब्लम सॉल्विंग एटीट्यूड- अपने अध्यापक खुद बनें- प्रतिबद्धता और समर्पण- आपको अवश्य सिविल सेवा परीक्षा में सफलता दिलवाएगा।  सिविल सेवा परीक्षा एक खुला मैदान है, जहां हर किसी को अपनी दावेदारी पेश करने का अधिकार है. हमारे देश के कई युवा आईएएस/आईपीएस बनने का सपना देखते हैं और अपनी किस्मत आजमाते हैं; लेकिन सफलता बहुत ही कम लोगों को मिलती है. जानते हैं क्यों? क्योंकि वे बिना तैयारी या अधूरी तैयारी के साथ इस परीक्षा में बैठ जाते हैं. भीड़ कम करने के लिए यूपीएससी ने हर कैंडिडेट के लिए नंबर ऑफ अटैम्प्ट को फिक्स कर दिया है. अतः जो लोग बिना तैयारी के परीक्षा देते हैं, वे अपने एक के बाद एक प्रयास को व्यर्थ कर देते हैं, जबकि कुछ कैंडिडेट पहले प्रयास की सीरियसनेस को समझते हुए परीक्षा में बैठते हैं. अगर मैं आपसे यह पूछूं कि आईएएस बनना इतना मुश्किल क्यों है, तो आपका क्या जवाब होगा? इसके विशाल पाठ्यक्रम ? सफलता की बहुत ही कम संभावना? या फिर इसके पैटर्न? यह सभी जवाब कुछ हद तक ठीक हैं, लेकिन इसका सही जवाब है लाइफस्टाइल. हो सकता है कि आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह बिल्कुल सच है कि आईएएस/आईपीएस बनना मुश्किल इसलिए है, क्योंकि इसके लिए जो जीवन-शैली चाहिए, वह अधिकांश लोग ग्रहण नहीं कर पाते, जिसके कारण वे इस परीक्षा की दूसरी बाधाओं को पार नहीं कर पाते. हम सभी जानते हैं कि UPSC की परीक्षा पूरी दुनियाँ की कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को उतीर्ण करके IAS-IPS बनना लाखों छात्रों का सपना होता है। और ऐसे छात्र हमेशा इस बात को लेकर Active होते हैं कि उन्हे कहीं से भी वैसा कंटेन्ट मिल जाए जिससे वे इस परीक्षा को पास करके अपनें सपने को पूरा कर सके। UPSC जैसी कठिन परीक्षा में PREVIOUS YEAR से प्रश्न कम ही रीपिट होते हैं, और अगर रीपिट भी हुए हैं तो उन प्रश्नों को ढूँढना बहुत मुश्किल है,  क्योंकि इसके लिए आपको 15-20 वर्षों के सभी प्रश्नों को एक-एक कर पढ़ना होगा और ढूँढना होगा कि कौन से प्रश्न पिछले वर्षों में रीपिट हुए हैं। आपकी तैयारी में इस काम को हम आसान करेंगे। हमनें PREVIOUS YEAR के प्रश्नों का गहन अध्ययन करके आपके लिए बेस्ट कॉन्टेन्ट ढूंढ निकाला है। जी हाँ , हम आपको बताएंगे कि कैसे UPSC की परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्नों को दोबारा पूछा गया है। इसके आधार पर आप UPSC परीक्षा की तैयारी कर सकते है। हमारी टीम नें पिछले 20 वर्षों के प्रश्नों का आकलन करके कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक से पूछे गए प्रश्नों की एक श्रृंखला तैयार की है। हम आपको बताएंगे कि कैसे UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं में भी प्रश्न रीपिट होते हैं।

यह प्रश्न 2013 में और वर्ष 2021 में भी पूछा गया था –

प्रश्न था  –

1- निम्नलिखित में से कौन-सा अपनें प्रभाव में सर्वाधिक मुद्रास्फीतिकारक हो सकता है ? WHICH ONE OF THE FOLLOWING IS LIKELY TO BE THE MOST INFLATIONARY IN ITS EFFECTS?

  1. सार्वजनिक ऋण की चुकौती – REPAYMENT OF PUBLIC DEBT
  2. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए जनता से उधार लेना – BORROWING FROM THE PUBLIC TO FINANCE A BUDGET DEFICIT
  3. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए बैंकों से उधार लेना – BORROWING FROM THE BANKS TO FINANCE A BUDGET DEFICIT
  4. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए नई मुद्रा का सृजन करना – CREATION OF NEW MONEY TO FINACE A BUDGET DEFICIT

2- प्रश्न -निम्नलिखित में से किस एक का अपनें प्रभाव में सर्वाधिक स्फीतिकारी होने की संभावना है ?

WHICH ONE OF THE FOLLOWING IS LIKELY TO BE THE MOST INFLATIONARY IN ITS EFFECT?

 

  1. लोकऋण की चुकौती – REPAYMENT OF PUBLIC DEBT
  2. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए जनता से ऋणादान –

BORROWING FROM THE PUBLIC TO FINANCE A BUDGET DEFICIT

  1. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए बैंकों से ऋणादान

BORROWING FROM THE BANKS TO FINANCE A BUDGET DEFICIT

  1. बजट घाटे के वित्तीयन के लिए नई मुद्रा का सृजन

CREATION OF NEW MONEY TO FINACE A BUDGET DEFICIT

 

इन दोनों प्रश्नों को देखने के बाद हम समझ सकते हैं कि UPSC जैसी परीक्षा में प्रश्न रीपिट होते हैं , आइए ऐसे ही कुछ और प्रश्नों को देखते हैं – अगला 2 प्रश्न वर्ष – 2019 और दोबारा वर्ष 2021 में पूछा था –

 

1- प्रश्न – किसी अर्थव्यवस्था में मुद्रा गुणक (Money Multiplier) निम्नलिखित में से किस एक के साथ-साथ बढ़ता है ? THE MONEY MULTIPLIER IN AN ECONOMY INCREASES WITH WHICH ONE OF THE FOLLOWING ? UPSC

  1. आरक्षित नकदी (CASH RESERVE) अनुपात में वृद्धि – INCREASES IN THE CASH RESERVE RATIO
  2. जनता की बैंकिंग आदतों में वृद्धि – INCREASES IN THE BANKING HABIT OF THE POPULATION
  3. सांविधिक नकदी अनुपात में वृद्धि – INCREASES IN THE STATUTORY LIQUIDITY RATIO
  4. देश की जनसंख्या में वृद्धि – INCREASES IN THE POPULATION OF THE COUNTRY

 

2- प्रश्न – निम्नलिखित मे से किसमें किसी अर्थव्यवस्था में मुद्रा गुणक (Money Multiplier)  में वृद्धि होती ?

  1. बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात में वृद्धि – INCREASE IN THE CASH RESERVE RATIO IN THE BANKS
  2. बैंकों के सर्वाधिक चलनिधि अनुपात में वृद्धि – INCREASE IN THE STATUTORY LIQUIDITY RATIO IN THE BANKS
  3. लोगों की बैंकिंग आदतों मे वृद्धि – INCREASE IN THE BANKING HABIT OF THE PEOPLE
  4. देश की जनसंख्या में वृद्धि – INCREASE IN THE POPULATION OF THE  COUNTRY

 

अगला सवाल वर्ष 2013 और दोबारा वर्ष 2014 में भी पूछा गया था-

 

1- किसी देश का भुगतान संतुलन किसका व्यवस्थित अभिलेख है ? THE BALANCE OF PAYMENT OF A COUNTRY IS A SYSTEMATIC RECORD OF

  1. किसी निर्धारित समय के दौरान, सामान्यतः एक वर्ष में, किसी देश का समस्त आयात और निर्यात का लेन-देन – ALL IMPORT AND EXPORT TRANSACTIONS OF A COUNTRY DURING A GIVEN
  2. किसी वर्ष में एक देश द्वारा निर्यात की गई वस्तुएं – GOODS EXPORTED FROM A COUNTRY DURING A YEAR
  3. एक देश की सरकार और दूसरे देश की सरकार के बीच आर्थिक लेन-देन – ECONOMIC TRANSACTION BETWEEN THE GOVERNMENT OF ONE COUNTRY TO ANOTHER
  4. एक देश से दूसरे देश को पूंजी का संचलन –CAPITAL MOVEMENTS FROM ONE COUNTRY TO ANOTHER

2- प्रश्न – भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/ किनसे चालू खाता बनता है ? WITH REFERENCE TO BALANCE OF PAYMENTS, WHICH OF THE FOLLOWING CONSTITUTES/CONSTITUTE THE CURRENT ACCOUNT   ? UPSC 2014

1)   व्यापार संतुलन – BALANCE OF TRADE

2)   विदेशी परिसंपतियाँ – FOREIGN ASSETS

3)   अदृश्यों का संतुलन – BALANCE OF INVISIBLES

4)   विशेष आहरण अधिकार – SPECIAL DRAWING RIGHTS

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये –

  1. a) केवल 1
  2. b) 2 ओर 3
  3. c) 1 और 3
  4. d) 1,2 और 4

 

अगला सवाल 2021 में पूछा गया था तथा इसी प्रश्न को 2010 में थोड़ा घुमाकर पूछा जा चुका है – आइए देखते हैं

2021 का – प्रश्न –

आर्थिक मंदी के समय, निम्नलिखित में से कौन-सा कदम उठाए जाने की सर्वाधिक संभावना होती है ? Which among the following steps is most likely to be taken at the time of an economic recession?

1)        कर की दरों में कटौती के साथ-साथ ब्याज दर में वृद्धि करना – Cut in Tax Rates Accompanied by Increase in Interest Rate

2)        सार्वजनिक परियोजनाओं पर व्यय में वृद्धि करना – Increase in Expenditure on Public Projects

3)        कर की दरों में वृद्धि के साथ-साथ ब्याज दर में कमी करना – Increase in Tax Rates Accompanied by Reduction of Interest Rate

 

4)        सार्वजनिक परियोजनाओं पर व्यय में कमी करना – Reduction of Expenditure on Public Projects

 

और 2010 का प्रश्न –

 

सरकार के निम्नलिखित कार्यों पर विचार कीजिए – CONSIDER THE FOLLOWING ACTIONS BY THE GOVERNMENT – UPSC-2010

  1. कर दरों में कटौती – CUTTING THE TAX RATES
  2. सरकारी व्यय को बढ़ाना – INCREASING THE GOVERNMENT SPENDING
  3. उपदानों को समाप्त करना – ABOLISHING THE SUBSIDIES IN THE CONTEXT OF ECONOMIC RECESSION

आर्थिक मंदी के संदर्भ में उपर्युक्त कार्यों में से कौन-सा ‘राजकोषीय उद्दीपन’ पैकेज का भाग माना जा सकता है ? WHICH OF THE ABOVE ACTIONS CAN BE CONSIDERD A PART OF THE “FISCAL STIMULUS” PACKAGE?

  1. 1 और 2
  2. 2
  3. 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

 

वह प्रश्न जो वर्ष 2015 और वर्ष 2017 में पूछा गया है-

वर्ष 2015 का प्रश्न –

भारत में संसदीय प्रणाली की सरकार है, क्योंकि There is a parliamentary system of government in India because the –

  1. लोकसभा जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होती है Loksabha is elected directly by the people
  2. संसद, संविधान के संशोधन कर सकती है Parliament can amend the constitution
  3. राज्यसभा को भंग नहीं किया सकता Rajya sabha cannot be dissolved
  4. मंत्रीपरिषद, लोकसभा के प्रति उत्तरदाई है Council of Ministers is responsible to the Lok Sabha

 

वर्ष 2017 में पूछा गया प्रश्न है-

 

संसदीय स्वरूप के शासन का प्रमुख लाभ यह है कि  The main advantage of the parliamentary form government is that

  1. कार्यपालिका और विधानमंडल दोनों स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं The executive and legislature work independently
  2. यह नीति की निरंतरता प्रदान करता है और यह अधिक दक्ष है It provides continuity of policy and is more efficient
  3. कार्यपालिका, विधान मंडल के प्रति उत्तरदाई बना रहता है The executive remains responsible to the legislature
  4. सरकार के अध्यक्ष को निर्वाचन के बिना नहीं बदला जा सकता The executive remains responsible to the legislature

अब देखते हैं वर्ष 2021 में पूछा गया एक और प्रश्न और इसी प्रश्न को वर्ष 2020 में भी दोबारा पूछा गया था –

 

वर्ष 2021 का प्रश्न –

संवैधानिक सरकार का आशय क्या है Constitutional government means

  1. किसी राष्ट्र की परिसंघीय संरचना वाली एक प्रतिनिधि सरकार a representative government of a nation with Federal structure
  2. कोई सरकार, जिसके प्रमुख के पास नाम मात्र की शक्तियाँ हो a government whose Head enjoys nominal Powers
  3. कोई सरकार, जिसके प्रमुख के पास वास्तविक शक्तियां हो a government whose Head enjoys real powers
  4. कोई सरकार जो संविधान की सीमाओं से परिबद्ध हो a government limited by the terms of the Constitution

और इसी प्रश्न को 2020 में भी दोबारा पूछा गया था –

प्रश्न – परिभाषा से, संवैधानिक सरकार का अर्थ है Writing constitutional government by definition is a

  1. विधान मंडल द्वारा सरकार government by legislature
  2. लोकप्रिय सरकार Popular government
  3. बहुदलीय सरकार multi-party government
  4. सीमित सरकार Limited government

नेक्स्ट प्रश्न भूगोल सेक्शन से है और यह वर्ष 2021 में ही पूछा गया प्रश्न है –

पृथ्वी ग्रह पर जल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए With reference to the water on the planet Earth, consider the following statements

  1. नदियों और झीलों में जल की मात्रा, भू-जल की मात्रा से अधिक है The amount of water in the rivers and Lakes is more than the amount of groundwater.
  2. ध्रुवीय हिमच्छद और हिमनदो में जल की मात्रा, भू-जल की मात्रा से अधिक है The amount of water in polar ice caps and glaciers is more than the amount of groundwater उपयुक्त कथनों में से कौन सा सही है? Which of the statements given above is correct?
  3. केवल 1
  4. केवल 2
  5. 1 और 2 दोनों
  6. न तो 1 और न ही 2

Same इसी प्रश्न को वर्ष 2013 में पूछा जा चुका है

 

प्रश्न – पृथ्वी ग्रह पर, अधिकांश अलवण-जल, बर्फ छत्रक और हिमनद के रूप में रहता है। शेष अलवण जल का सबसे अधिक भाग- On the planet Earth, most of the fresh water  exists as ice caps and glaciers. out of the remaining fresh water, the largest proportion

  1. वायुमंडल में आर्द्रता और बादलों के रूप में पाया जाता है Is found in atmosphere as moisture and clouds
  2. अलवण-जल झीलों और नदियों में पाया जाता है Is found in freshwater lakes and rivers
  3. भूमिगत जल के रूप में है Exists as groundwater
  4. मृदा आर्द्रता के रूप में है Exists as soil moisture

नेक्स्ट प्रश्न इतिहास में गौतम बुद्ध से संबंधित है और यह वर्ष 2014 में पूछा गया प्रश्न है –

प्रश्न – निम्नलिखित राज्यों में से किन का संबंध बुद्ध के जीवन से था ? Which of the following kingdoms were associated with the life of the Buddha?

  1. अवंती Avanti
  2. गांधार Gandhara
  3. कोसल Kosala
  4. मगध Magadh

नीचे दिए गए प्रश्न का सही उत्तर चुनिए। Select the correct answer using the code given below.

  1. 1,2 और 3
  2. 2 और 4
  3. केवल 3 और 4
  4. 1,3 और 4

 

Same इसी प्रश्न को 2015 में पूछा गया था

 

प्रश्न – निम्नलिखित राज्यों में से किन का संबंध बुद्ध के जीवन से था ? Which of the following kingdoms were associated with the life of the Buddha?

  1. अवंती Avanti
  2. गांधार Gandhara
  3. कोसल Kosala
  4. मगध Magadh

 

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए। Select the correct answer using the code given below.

  1. 1,2 और 3
  2. केवल 2 और 3
  3. 1,3 और 4
  4. केवल 3 और 4

 

यह कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न थे जो UPSC की परीक्षा में दोबारा से पूछे गए थे। इसके आधार पर आप अनुमान लगा सकते हैं कि UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं में भी प्रश्न दोबारा से रीपिट होते हैं, इसलिए आप सब पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को देखते रहिए, इससे आपको UPSC द्वारा प्रश्न पूछे जाने की प्रक्रिया और पैटर्न को समझने मे आसानी होगी। यही नहीं अगर भविष्य में UPSC द्वारा फिर से कोई प्रश्न दोबारा से पूछा जाता है तो इससे आपको 1-2 प्रश्न सही करने का अवसर मिल जाएगा। जो आपको UPSC प्रारम्भिक परीक्षा पास करने में मदद करेगा।

यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं:

  • पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अध्ययन करने से आपको प्रश्न पूछने के पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार को समझने में मदद मिलेगी।
  • विषयों की गहन समझ विकसित करें: केवल पिछले वर्षों के प्रश्नों पर निर्भर न रहें। विषयों की गहन समझ विकसित करें ताकि आप किसी भी प्रकार के प्रश्न का उत्तर दे सकें।
  • अभ्यास करें: जितना अधिक आप अभ्यास करेंगे, उतना ही बेहतर आप परीक्षा में प्रदर्शन करेंगे।

यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

अर्थशास्त्र:

  • बजट घाटे के वित्तपोषण के विभिन्न तरीकों के प्रभावों की तुलना करें।
  • मुद्रास्फीति के विभिन्न प्रकारों और उन्हें नियंत्रित करने के उपायों का वर्णन करें।
  • भारत में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया का मूल्यांकन करें।

इतिहास:

  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख चरणों का वर्णन करें।
  • भारत में मौर्य साम्राज्य के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डालें।
  • भारत में मुगल काल की प्रमुख उपलब्धियों और कमियों का विश्लेषण करें।

भूगोल:

  • भारत की जलवायु और मिट्टी के प्रकारों का वर्णन करें।
  • भारत में नदियों की प्रणाली और उनके महत्व का विश्लेषण करें।
  • भारत में कृषि और उद्योगों के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या करें।

राजनीति विज्ञान:

  • भारत में संसदीय लोकतंत्र की विशेषताओं का वर्णन करें।
  • भारत में केंद्र-राज्य संबंधों की प्रकृति का विश्लेषण करें।
  • भारत में चुनाव प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ उदाहरण हैं। UPSC परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की सीमा बहुत व्यापक है।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको UPSC परीक्षा में सफल होने में मदद कर सकते हैं:

  • अपने पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझें: परीक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझें और सभी महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करें।
  • अपनी तैयारी की योजना बनाएं: एक प्रभावी अध्ययन योजना बनाएं और उसका पालन करें।
  • समय प्रबंधन: परीक्षा में समय का सदुपयोग करना महत्वपूर्ण है।
  • अभ्यास परीक्षाएं दें: अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने के लिए नियमित रूप से अभ्यास परीक्षाएं दें।
  • सकारात्मक रहें: सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और कड़ी मेहनत करते रहें।

UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।

यह भी ध्यान रखें कि UPSC परीक्षा में सफल होने के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है।

सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अपनी तैयारी की रणनीति बनानी होगी और उसका पालन करना होगा।

शुभकामनाएं!

 

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